“पैसा ख़ुदा तो नहीं, पर ख़ुदा की कसम, ख़ुदा से कम भी नहीं।” यक़ीनन पैसा खुदा तो नहीं हो सकता। लेकिन आज के समय में पैसा एक तराज़ू जरूर है, जिससे एक इंसान की औक़ात, अहमियत, और स्टेटस को नापा जाता है। इससे फ़र्क नहीं पड़ता कि आपने पैसा कैसे कमाया है। गैंगस्टर, बाहुबली, नेता ऐसे शब्द सुनते ही अमूमन मन में एक दबंग पैसे वाले की छबि उभर कर आती है। करोड़पति, अरबपति, खरबपति, बिज़नेस, कॉर्पोरेट ऐसे शब्द सुनने से भी मन में अमीरों की ही छबि मन में उभरती है। और इन्ही पैसों वालों की Lifestyle पर दुनिया लट्टू है। ज्यादातर समय यार-दोस्त, सगे-सम्बन्धी, चमचे-बेलचे यहाँ तक की परिवार वाले भी इसी चुम्बक के कारण आपसे चिपके रहते हैं। पैसों की चकाचौंध के आगे आपका स्वास्थ्य और शुकुन भी बौनी हो जाती है। यहाँ हम भूल जाते हैं कि स्वास्थ्यऔर शुकुन ही है जो पैसों से ज़्यादा ज़रूरी है। साथियों ,नमस्ते ! मैं हूँ विजय बेक। “Digitalrahi” में आपका हमराही। दोस्तों, आपने भी महसूस किया होगा कि जो भी इंसान ज़िन्दगी में बहुत आगे तक गया है, वो अपनी ज़िद्द (Stubbornness) (यहाँ हम बुरे ज़िद्द/रास्ते की बात नहीं करेंगे) के कारण गया है। ज़िद्द सब कुछ जानने की और ज़िद्द बहुत कुछ सीखने की। इसी ज़िद्द के कारण ही अमीर और ज़्यादा अमीर होता जा रहा है। हमने ज़िद्द नहीं की और ज़िन्दगी की रेस में बहुत पीछे रह गए हैं। आगे आना है तो हमें भी ज़िद्द करनी होगी, पैसे कमाने की। हर वो स्किल्स की जानकारी लेनी होगी और उसे सीखना होगा जो जीवन में Value add करती है। तो चलिए, “Digitalrahi” में ये गुर सीख़ कर Master बनें, और जीवन को बदल दें।